कश्मीर के पहलगाम शहर के निकट ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से मशहूर पर्यटन स्थल बायसरन में मंगलवार दोपहर हुए आतंकी हमले 26 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में ज्यादातर पर्यटक थे। यह 2019 में पुलवामा में हमले के बाद घाटी में हुआ सबसे बड़ा हमला है।
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में मंगलवार को हुए भयावह आतंकवादी हमले पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। हमले में 26 लोगों की मौत हो हुई है। इस कायराना हमले में 17 लोग घायल भी हुए हैं। इस हमले के शिकार हुए अधिकतर लोग पर्यटक थे, जो अपने परिवारों के साथ 'मिनी स्विट्जरलैंड' कहे जाने वाले बायसरन घूमने आए थे। 2019 में पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद सबसे बड़ा हमला है। ये हमला ऐसे वक्त हुआ, जब पीएम मोदी देश से बाहर थे और अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत दौरे पर हैं। यह हमला कब, कहां, कैसे हुआ, इन सवालों के जवाब जानते हैं:
अनंतनाग दक्षिण कश्मीर में आता है और ये घटना अनंतनाग जिले के पहलगाम से 6 किमी दूर स्थित पर्यटन स्थल बैसरन घाटी में हुई है. मंगलवार दोपहर में पर्यटक यहां घूम रहे थे. इसी बीच, दोपहर 2.45 बजे करीब छह आतंकी पहुंचे और अलग-अलग जगहों पर अटैक कर दिया.
आतंकियों ने वहां मौजूद 45 पर्यटकों के समूह पर गोलियां बरसाईं। इनमें 28 टूरिस्ट की मौत हो गई।बेसरन में घास से घिरा बड़ा मैदान है। बैसरन तक सिर्फ पैदल या घोड़ों के जरिए ही पहुंचा जा सकता है। हमले के बाद सुरक्षाबल पहलगाम से बेसरन पहुंचे। घायलों को निकालने के लिए हेलिकॉप्टर लगाए गए।
कुछ घायलों को पहले पहलगाम में प्राथमिक उपचार दिया गया. उसके बाद जीएमसी अस्पताल अनंतनाग और श्रीनगर एम्स ले जाया गया। बैसरन में हमले की खबर मिलते ही पहलगाम की सड़कों पर सन्नाटा पसर गया। घास के मैदान में लोगों ने किसी तरह छिपकर जान बचाई। कुछ पर्यटकों के वीडियो सामने आए हैं, जो हमले के बारे में जानकारी दे रहे हैं और बचकर भागते देखे जा रहे हैं। बड़ी संख्या में पर्यटक होटल छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर चले गए।
मारे गए और घायल लोगों के परिवारों को कड़ी सुरक्षा के बीच पहलगाम क्लब ले जाया गया। दरअसल, पहलगाम से बेसरन की दूरी 6 किमी है। पूरा इलाका पहाड़ों और घने जंगलों से घिरा है और काफी ऊंचाई पर स्थिति है यहां तक वाहन भी नहीं पहुंच पाते हैं। यह पर्यटकों और ट्रैकर्स की पसंदीदा जगह है। इलाके में सुरक्षाबलों की तैनाती भी नहीं रहती है।
पर्यटकों ने भी यही बताया कि जब आतंकियों ने हमला किया, तब वहां कोई फोर्स नहीं थी और घने जंगल के कारण भागना और छिपना आसान था, इसलिए नरसंहार के बाद आतंकी गायब हो गए। सूत्रों के मुताबिक इस एरिया में मोबाइल नेटवर्क और सुरक्षा बलों का बैकअप पहुंचने के समय को भी आतंकियों ने नोटिस किया था, उसके बाद हमले की प्लानिंग की गई होगी।
हमले में कितने आतंकी शामिल थे?
बायसरन में हुए आतंकी हमले में अब तक छह आतंकियों के शामिल होने की बात सामने आई है। हमलावरों में दो पाकिस्तानी और दो स्थानीय आतंकी शामिल थे। दो अन्य के बारे में जानकारी अभी सामने नहीं आ सकी है। हमले में शामिल तीन संदिग्ध आतंकियों के स्केच जारी किए हैं। इनके नाम आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबु तल्हा बताए गए हैं।
पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ कूटनीति के दरवाजे बंद कर दिए:
बुधवार देर शाम जारी एक कड़े शब्दों वाले बयान में भारत ने पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को प्रभावी रूप से कम करने, प्रमुख सीमा मार्गों को बंद करने, सिंधु जल संधि को निलंबित करने तथा नई दिल्ली स्थित अपने उच्चायोग से पाकिस्तानी सैन्य अताशे को निष्कासित करने की घोषणा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट समिति (सीसीएस) की उच्च स्तरीय बैठक के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई की घोषणा की। इसमें पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को कम करना, नई दिल्ली में अपने उच्चायोग से सभी पाकिस्तानी सैन्य सलाहकारों को निष्कासित करना, महत्वपूर्ण सीमा चौकियों को बंद करना, सिंधु जल संधि को निलंबित करना और इस्लामाबाद से भारतीय कर्मचारियों को वापस बुलाना शामिल है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अन्य सहित दुनिया भर के नेताओं ने पहलगाम में आतंकवादी हमले की निंदा की और भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस हमले की निंदा करते हुए इसे "क्रूर अपराध" बताया और न्याय की मांग की। उन्होंने भारतीय राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेजे संदेश में कहा, "हमें उम्मीद है कि इसके प्रायोजकों और अपराधियों को उचित सजा मिलेगी।"
उन्होंने आतंकवाद विरोधी प्रयासों में भारत के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए रूस की प्रतिबद्धता दोहराई।